bermuda triangle mystery |
दुनिया मे ऐसी बहुत सी रहस्मई
जगहें मौजूद हैं जिनके बारे में बहुत सी भ्रामक बातें लोगों के दिमाग मे बैठी हुई हैं
ऐसी जगहों में सबसे ऊपर बरमूडा ट्राइएंगल का नाम आता है। अखबारों से लेकर पत्रिकाओं
में और आज के शोशल मीडिया पर आपने बरमूडा ट्राएंगल के शापित होने की कई कहानियां 'bermuda triangle mystery' पढ़ी
होंगी जहां हवाई जहाज से लेकर पानी के जहाज तक पलक झपकते गायब हो जाते हैं।
अफसोस कि
बात तो यह है कि अब तक मीडिया में जितनी जगह इस ट्राएंगल से जुड़े रहस्यों को मिली,
उसका एक फीसदी भी इनसे जुड़ी सच्चाइयों को नहीं मिल सकी। आज हम बरमूडा ट्राएंगल के
उस पहलू को जानने का प्रयास करेंगे जो इस स्थान के बारे में फैलाये गए सारे मिथक को
तोड़ देगा। साथ ही मैं ये भी दावे से कह सकता हूँ कि बरमूडा ट्राएंगल के बारे में इससे साइंटिफिक जानकारी
आपको नही मिलेगी।
बरमूडा ट्राएंगल की घटनाओं
के पीछे का वैज्ञानिक सच जानने से पहले आइये उन महत्वपूर्ण घटनाओं पर एक नजर डालते
हैं जो इस इलाके में घटित हुई।
इस इलाके में घटित हुई पहली
घटना 5 दिसंबर 1945 की है ये वो समय था जब पूरी दुनिया द्वितीय विश्वयुद्ध की भयंकर
वेदना से अभी हाल ही में बाहर निकली थी। अमेरिका के फोर्ट लॉडरडेल मिलिट्री एयरबेस
से पांच फाइटर प्लेन सबसे अनुभवी पायलटों के साथ रवाना हुए अटलांटिक महासागर पर यह
उनकी प्रशिक्षण उड़ान थी और इसे फ्लाइट 19 का नाम दिया गया था। इस फ्लाइट के साथ एक
विचित्र घटना यह हुई कि एयरबेस से उसका रेडियो संपर्क तो बना हुआ था लेकिन राडार पर
उसकी स्थिति का पता नहीं चल रहा था। कई घंटे उड़ते रहने के बाद एक जहाज से जो संदेश
प्राप्त हुआ वो उस प्रशिक्षण दल से मिला आखिरी सिग्नल साबित हुआ क्योंकि इसके बाद फ्लाइट
19 के उन पांच जहाजों का आज तक कोई पता नही चला।
bermuda triangle location |
ये आखिरी सिग्नल बहुत ही रहस्मई और
डरावना था फ्लाइट 19 के पांच जहाजों में से एक के पायलट ने आखिरी बात कही थी ‘यहां
सब कुछ अजीब है। लगता है हम सफेद पानी में जा रहे हैं। हम बिल्कुल खो गए हैं।’ फिर
तीन-चार खिच-खिच, और सब शांत।
थोड़ी देर में फोर्ट लॉडरडेल
एयरबेस से एक सी-प्लेन पीबीएम-मैरिनर उनकी टोह लेने भेजा गया, लेकिन जल्द ही वह न सिर्फ
राडार से गायब हुआ, बल्कि इस जहाज से भी रेडियो संपर्क टूट गया और थोड़ी ही देर में
ये प्लेन भी हमेशा के लिए गायब हो गया।
एक ही दिन में छह सैनिक विमान और 15 सैनिकों
को खो देने के बाद अमेरिका में सनसनी पैदा होना लाजिमी था। लेकिन मियामी प्योर्टोरिको
और बरमूडा के बीच पड़ने वाले इस तिकोने समुद्री इलाके से जुड़े दुर्भाग्य का सिलसिला
यहीं नहीं थमा। इसके तीन साल बाद 1948-49 में यहां तीन और हवाई जहाज गायब हुए। फिर
1955 में एक लग्जरी याट कोनेमारा फोर्थ बिना किसी यात्री या चालक के लहरों पर थपेड़े
खाती मिला और इसके तीन साल के अंदर दो टूरिस्ट जहाज इसी इलाके में लापता हुए।
यहां से एक अभिशप्त क्षेत्र
के रूप में बरमूडा ट्राएंगल की जो छवि बननी शुरू हुई, उसे लोगों के दिलोंदिमाग में
बिठाने का काम 1974 में चार्ल्स बर्लित्ज की किताब ‘द बरमूडा ट्राएंगल’ 'the bermuda triangle' ने कर दिया
जिसकी दो करोड़ प्रतियां पूरी दुनिया में बिकीं।
bermuda triangle band |
इस किताब में जहाजों के गायब
होने को लेकर कई झूठी और बेबुनियाद सिद्धांतों को लिखा गया था। इस किताब का दावा था
कि यहां के गहरे सागर में किसी खास जगह चुंबकीय चट्टानों की भरमार है, जिनके असर से
ऊंचे आकाश में उड़ते विमान भी नहीं बच पाते। इस किताब की बहुत सी भ्रामक बातों में
एक दावा ये भी था कि वो इलाका पैरानॉर्मल एक्टिविटी का मुख्य केंद्र है यानी उस जगह
पर आत्माओं का बसेरा है इसलिए वहां जहाज गायब हो जाते हैं।
साथ ही किताब में लेखक ने
समुद्र के भीतर अड्डा जमाए किसी उन्नत पराग्रही सभ्यता की बात भी कही है। इस किताब
की बहुत सी भ्रामक और अवैज्ञानिक बातों का ही असर था कि आज भी लोग बरमूडा ट्राएंगल 'bermuda triangle mystery' का नाम सुनते ही उसके साथ उन सभी काल्पनिक और तर्कहीन बातों को जोड़ कर देखते हैं जिसे
चार्ल्स बर्लिट्ज़ ने अपनी किताब के माध्यम से दुनिया भर में फैलाई हैं।
आइये बरमूडा ट्राएंगल में हुई दुर्घटनाओ के पीछे के असली सच को जानते हैं।
bermuda triangle sea location |
बरमूडा ट्राएंगल के मामले
में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां होने वाली सभी दुर्घटनाएं 1945 से 1955 के बीच
ही घटित हुई हैं 1945 से पहले इस ट्राएंगल पर किसी भी दुर्घटना का कोई रिकॉर्ड नही
है जबकि इस इलाके में जल यातायात का इतिहास बहुत पुराना है इससे ये साबित होता है कि
ये इलाका केवल 1945 से 1955 के बीच ही शापित रहा। मतलब भूत प्रेत और एलियन इस इलाके
में केवल दस सालों के लिए ही आये थे।
सच्चाई यह है दस वर्षों के
भीतर हुई सभी दुर्घटनाओ में कुछ भी असामान्य या आलौकिक नही था पहली दुर्घटना की बात
करें जिससे दुर्घटनाओं का ये सिलसिला शुरू हुआ तो इस परीक्षण उड़ान के मुख्य संचालक
जिनका नाम स्क्वाड्रन था इस इलाके की पोस्टिंग पर नए-नए आए थे और यहां के भूगोल के
बारे में कुछ नहीं जानते थे। फ्लाइट 19 में शामिल जहाजों के दिशासूचक खराब थे, इसकी
पुष्टि पायलटों की आपसी बातचीत के रिकॉर्ड से हुई। इनकी तलाश में भेजा गया सी-प्लेन
आग लगने से नष्ट हुआ इसका स्पष्ट रेकॉर्ड मौजूद है।
साथ ही इस खोजी विमान के बारे में
एक बात और महत्वपूर्ण है ये सी प्लेन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ही रिटायर होने वाला
था क्योंकि इसकी वायरिंग में शार्ट शर्किट का खतरा था लेकिन अधिकारियों की लापरवाही
से इसे छोटे मोटे कामों में इस्तेमाल किया जाता रहा। इससे ये साबित होता है कि सी प्लेन
का दुर्घटनाग्रस्त होना भ्रष्टाचार का नतीजा था न कि किसी भूत ने इसे नष्ट किया था।
अब बात करते हैं 1949 में
गायब हुए टूरिस्ट याट की तो इस दुर्घटना का कारण एक समुद्री तूफान था जिसकी सूचना याट
के कैप्टन को दी गई थी लेकिन कैप्टन इस सूचना की अनदेखी करते हुए जहाज को और आगे तक
ले गया और तूफान का शिकार होकर यात्रियों सहित समुद्र में डूब गया।
- अब बात करते है सबसे अंत में गए दो छोटे टूरिस्ट बोट्स की-
bermuda triangle history |
पखले की सभी दुर्घटनाओ की तरह इस दुर्घटना में भी न तो किसी भूत का हाथ है और न ही किसी एलियन का बल्कि खराब मौसम में इन छोटे बोट्स पर सवार कुछ लोग समुद्र में बीयर पार्टी का आनंद उठा रहे थे चारों ओर कोहरे और धुंध के कारण ये दोनों बोट्स आपस मे ही टकरा गए और इनके साथ इनकी पार्टी भी सदा के लिए खत्म हो गई।
ये भी पढ़ें:- Top 5 Extinct Animals In The World | दुनिया के सबसे खतरनाक विलुप्त हो चुके जानवर।
अब बात करते हैं 5 नवंबर
1955 की उस सबसे विचित्र घटना की जिसमे कहा जाता है कि यहां एक लक्सरी टूरिस्ट जहाज
बिना किसी यात्री और चालक के लहरो पर थपेड़ा खाती पाया गया था।
असल मे ये जहाज सिंजल मोरी
याट कॉर्पेराशन का जहाज था जो 3 अगस्त 1955 को कुछ कर्मचारियों की
लापरवाही के कारण
किनारे से गायब हो गया था। हुआ ये था कि ये जहाज 12 अगस्त की रात को अपनी यात्रा खत्म
करके आया था और इसे अगली यात्रा तक के लिए हुक करना था लेकिन कर्मचारियों ने जहाज को
हुक करने में लापरवाही की और उसी रात एक भयंकर तूफान में ये जहाज लहरों के साथ गायब
हो गया।
अगले दिन जब जहाज वहां नही मिला तो उस जहाज के चोरी हो जाने की रिपोर्ट दर्ज
करवाई गई पुलिस ने भी उस जहाज को ढूंढने में देरी की। मौसम खराब होने के कारण 13 अगस्त
को गायब उस जहाज को ढूंढने के काम 17 अगस्त से शुरू हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी
तीन महीने बाद जहाज यहां से 250 किलोमीटर दूर मिला।
_____
ये थी बरमूडा ट्राएंगल के शापित होने की असली कहानी 'bermuda triangle mystery' जिसके नाम पर पिछले सत्तर सालों से दुनिया को मूर्ख बनाया जाता रहा है। हैरत की बात
तो यह है कि बरमूडा ट्राएंगल में 1945 से 1955 के बीच हुई सभी दुर्घटनाओं की जांच रिपोर्ट
में उन सभी हादसों के पीछे के वैज्ञानिक कारणों की समीक्षा हो चुकी है और इन जांच रिपोर्ट्स
के आधार पर इस इलाके से जुडे सभी अफवाह भी कोरी गप्प सिद्ध हो चुके हैं फिर भी लोगों
को बरमूडा के शापित होने में ज्यादा दिलचष्पी है और इस मानसिकता का कोई इलाज नही।
थोड़ा
सा दिमाग लगाएं तो पता चलता है की बरमूडा ट्राएंगल में हुई दुर्घटनाएं किसी भी दूसरे
समुद्री इलाके से ज्यादा नहीं हैं।
0 Comments
Welcome to Universal Hindi Facts. Please do not enter any spam links in the comment box.