होली में इस्तेमाल होल वाले इन खतरनाक रंगों से सावधान। Holi 2020 #holi #happyholi

होली में इस्तेमाल होल वाले इन खतरनाक रंगों से सावधान।

holi 2020
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होली रंगों का त्यौहार है और हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दक्षिण एशियाई देशों में मनाया जाता है खासकर भारत और नेपाल में। यह त्यौहार दो से तीन दिनों के लिए वसंत के मौसम में मनाया जाता है
हिंदुओं का मानना ​​है कि वसंत रंगों से भरा होता है इसलिए वे एक दूसरे पर रंगीन पानी फेंकते हैं। लोग होली 'Holi 2020' पर रंगों की विभिन्न किस्मों के साथ देखे जाते हैं। वे भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनकी मूर्ति पर रंग डालते हैं। परिवार एक साथ इकट्ठा होते हैं वे एक दूसरे पर रंग डालते हैं, गाते हैं, नाचते हैं, पूरे दिन पार्टी करते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और पूरा आनंद लेते हैं।
लेकिन इस सुनहरे अवसर पर कुछ लोग अपनी दूकान भी चलते हैं।  जिसमें रंगों कि खूब बिक्री होती है मगर ये रंग किस तरह से भायक बीमारी का कारण बनते हैं ये शायद आप नहीं जानते।


कितने खतरनाक है ये रंग?

बहुत पहले तक पारंपरिक रूप से होली 'Holi 2020' में इस्तेमाल होने वाले रंग सूखे फूलों और जड़ी बूटियों से बनाये जाते रहे थे लेकिन अब वही खूबसूरत और हानि न पहुँचाने वाले रंगों की जगह कठोर रसायनों से बने घातक रंगों ने ले ली है जो हमारे लिए बहुत घातक है।
आप पिछले कई सालों की होली की ख़बरें अख़बारों में पढ़ सकते हैं जहाँ हमें ये पता चलता है कि लोग हानिकारक रसायनों वाले रंगों के उपयोग के कारण बुरी तरह बीमार हुए थे कई बार तो इन घातक रांखों कि वजह से चेहरे और शरीर के कई भागों में कई दिनों तक जलन और त्वचा कि रंगत पर असर भी देखा गया है।

holi 2020
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स्किनोलॉजी स्किन एंड हेयर क्लिनिक की त्वचा विशेषज्ञ निवेदिता दादू ने कहा: “इन दिनों होली के रंगों को तैयार करने के लिए इंजन के तेल, डीजल, एसिड, और कांच के पाउडर को इस्तेमाल में लिया जा रहा है ये सभी त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ मामलों में ये रंग त्वचा कि कई बीमारियों का कारण भी बनते हैं जैसे- एक्जिमा, लालिमा, छाले, अत्यधिक लालिमा और त्वचा के झड़ने जैसे गंभीर बीमारियां।

त्वचा और बालों पर इन संभावित दुष्प्रभावों को कम करने के लिए यह सावधानी बरतने के लिए सबसे अच्छा है। "कुछ रंग अत्यधिक विषैले होते हैं और कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। जो लोग रंगों को संभालते हैं या होली खेलते हैं वे अक्सर नेत्रश्लेष्मलाशोथ, दृश्य हानि, अस्थमा और क्रूर त्वचा प्रतिक्रियाओं के बारे में शिकायत करते हैं

फोर्टिस अस्पताल के एक वरिष्ठ सलाहकार ऑन्कोलॉजिस्ट विकास गोस्वामी ने कहा।- "सूरज से यूवी किरणों के साथ विषाक्त रंग, त्वचा के लिए एक फोटोटॉक्सिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है, जिससे फफोले और लालिमा हो सकती है। इसके अलावा, Rhodamine B का उपयोग लाल रंग के लिए गुलाल, पारा सल्फाइट और बैंगनी के लिए क्रोमियम आयोडाइड बनाने के लिए किया जाता है।

बहुत से लोग पक्के रंग का भी इस्तेमाल करते हैं जो त्वचा पर अधिक समय तक टिके रहते हैं। हालांकि, इन रंगों में मौजूद औद्योगिक रसायन त्वचा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं” रंग और भंग दो चीजें हैं जो त्योहार को "पूरा" करती हैं। हालांकि, भंग की अधिकता गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकती है।
भांग एक नशीला पदार्थ है जो आपको नींद और नींद का अहसास कराता है। भांग के सेवन से उच्च बीपी, हृदय गति में वृद्धि, भ्रूण, तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है


  • होली के रंगों से से महिलाओं को है ज़्यादा खतरा।

holi 2020
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गर्भवती महिलाओं के लिए होली 'Holi 2020' नहीं खेलना और घर के अंदर रहना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां तक कि अगर वे बाहर कदम रखना चाहते हैं, तो उन्हें आसपास के विश्वसनीय बुजुर्गों के साथ बाहर जाना चाहिए। इसके अलावा, चूंकि होली के रंग इन दिनों रसायनों से बने होते हैं और कुछ कैंसरकारी भी होते हैं, इसलिए स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भवती महिलाओं की तरह ही सावधानी बरतनी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं द्वारा या पर उच्च सीसा सामग्री के साथ रंगों के उपयोग से समय से पहले जन्म, कम वजन का जन्म और गर्भपात या गर्भपात हो सकता है। यह तंत्रिका और प्रजनन प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है।




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  • इनसे बचने के उपाय

इन खतरनाक होली के रंगों से बचाव बहुत ही ज़रूरी है और ये सिर्फ हमारे लिए ही नहीं है हमारे साथ साथ हमारे पूरे परिवार के लिए भी बेहद ज़रूरी है। इससे बचने का सबसे सरल उपाय:-

  1. जितना हो सके इन रंगों को अपनी आँख नाक मुँह और शरीर कि नाज़ुक त्वचा से दूर रखें।
  2. अगर शरीर पर कहीं भी ताज़ा ज़ख्म है तो आप इन रगों के साथ होली खेलना से बचें।
  3. चुकती भर रंग गलों पर लगा कर भी होली खेली जा सकती हैं बस उसमें पूरा डूब जाने से बचें।
  4. अगर होली खेलने के दौरान शरीर पर किसी तरह कि ज़रा भी खरोच या चोट लग जाये तो तुरंत रंगों को शरीर से पूरी तरह साफ़ कर दें और रंगों से दूर हो जाएँ।
  5. रंगों कि होली ज़्यादा देर तक न खेलें और जैसे ही होली का जश्न ख़त्म हो तुरंत खुद को पूरी तरह से साफ़ करें। हो सके तो डॉ कि सलाह से साबुन लोशन या किसी एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करें।


➤आंत में सबसे ज़रूरी बात:- अगर होली 'Holi 2020' खेलने के बाद आपकी त्वचा या शरीर पर किसी भी तरह का निशाँ, झख्म, जलन जैसा कुछ भी महसूस हो तब चिकित्सक को ज़रूर दिखाएँ क्यूंकि इन रासायनिक रंगों के शरीर में प्रवेश करें से किसी भी तरह कि भयानक से भयानक बीमारी हो सकती है जिससे बचना बेहद ही ज़रूरी है।

होली के इस पवन अवसर एक दूसरों के साथ खुशियां बातें और सभी के साथ सम्मान पूर्वक त्यौहार का आनंद ले, आपसे यही उम्मीद रहेगी

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