Top 10 Highest and Dangerous Volcanoes in the World
highest and dangerous volcanoes |
ज्वालामुखी ‘Volcano’ कुदरत की सबसे अदभुत खतरनाक रचनाओं में से
एक हैं। कई किमी के क्षेत्र में फैले और हजारों मीटर ऊँचे यह विशाल ज्वालामुखी
देखने वालों के मन को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। यही कारण है कि
दुनियाभर से हजारों-लाखों टूरिस्ट रोमांच की खोज में इन सुन्दर और खतरनाक आश्चर्यों
को देखने के लिए पहुंचते है। हमारी दुनिया में विशाल और खतरनाक ज्वालामुखियों की कमी नहीं हैं। कई जगह पर तो इतनी खतरनाक ज्वालामुखी 'Dangerous volcano' हैं की वजह जाने से भी इंसान की रूह काँप जाये। ज्वालामुखी वह
भौगोलिक संरचनाएँ हैं जिसका केंद्र पृथ्वी के अंदर हजारों मीटर की गहराई में होता
है जहां से मेग्मा और लावा भीतरी दबाव के कारण इकट्ठा होते हैं और फिर एक दिन
विस्फोट कर जाते हैं जिसे हम वोल्केनो इरप्शन 'volcano eruption' कहते है।
- ज्वालामुखी की
सक्रियता के आधार पर इन्हें तीन भागों में बाँटा जाता है:–
- जाग्रत (Active
Volcano)
- प्रसुप्त (Dormant
Volcano)
- और विलुप्त/शांत (Extinct/Dead
Volcano)
ज्वालामुखी स्थल और
जल दोनों जगह पर पाये जाते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी प्रशांत महासागर
में स्थित है। जबकि विश्व का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी दक्षिणी अमेरिका में स्थित है।
यह भी एक विचित्र तथ्य है कि दुनिया के 35 सबसे ऊँचे ज्वालामुखी केवल साउथ अमेरिका ‘South America’ में ही हैं। आज हम आपके लिए लाए
दुनिया के 10 सबसे विशाल ज्वालामुखियों की अद्भुत जानकारी।
1. ओजोस डेल सलाडो ज्वालामुखी (Ojos del Salado volcano)
Ojos del Salado Volcano |
ओजोस देल सालाडो ज्वालामुखी
‘Ojos del Salado’ अर्जेंटीना में स्थित
है। इसकी सागर तल से कुल ऊँचाई 6,893 मीटर (22,615 फुट) है। यह धरती का सबसे ऊँचा जाग्रत ज्वालामुखी (Active
Volcano) होने के साथ-साथ दुनिया
का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी भी है। आपको जानकर हैरत होगी
कि 6000 मीटर से अधिक ऊँचे सभी ज्वालामुखी दक्षिण अमेरिका में ही
स्थित हैं और लगभग सभी एंडीज पर्वतमाला के क्षेत्र में ही पड़ते हैं। यह अर्जेंटीना
और चिली के बीच की सीमा तय करता है। एंडीज में खोजे गये 178 ज्वालामुखीयों में यह सबसे बड़ा है। इसकी दो चोटियाँ हैं
जिनमे ऊंची वाली चोटी चिली के क्षेत्र में पड़ती है। यह चिली
का भी सबसे ऊँचा पर्वत है। इसमें कई क्रेटर और लावे से निर्मित पहाड़ हैं।
ओजोस देल सालाडो
‘Ojos
del Salado volcano’ एक सक्रिय
ज्वालामुखी माना जाता है। इसमें आखिरी बडा विस्फोट 1500 वर्ष पूर्व हुआ था। ये ज्वालामुखी आखिरी बार 1993 में एक्टिव हुआ था 'dangerous volcanoes' उस समय इसके मुहाने से गैस और गुबार
निकलने की सूचना मिली थी लेकिन फिर यह शांत हो गया, वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ज्वालामुखी 50 वर्ष के भीतर ही जरूर फटेगा।
2. मोंटे पिस्सिस ज्वालामुखी। (Monte Pissis Volcano)
Monte Pissis Volcano |
एंडीज पर्वत श्रेणी
में ही स्थित मोंटे पिस्सिस ज्वालामुखी ‘Monte
Pissis volcano’ संसार का दूसरा सबसे
ऊँचा ज्वालामुखी है। यह समुद्र तल से 6,793 मीटर (22,287 फुट) ऊँचा है। मोंटे पिसिस अब विलुप्त ज्वालामुखियों की
श्रेड़ी में आता है ये ला रियोजा की सीमा पर स्थित है और चिली की सीमा से 25
किमी दूर अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत है। यह
ज्वालामुखी पश्चिमी गोलार्ध में तीसरा सबसे ऊंचा है
और एकॉनगुआ से लगभग 550 किमी उत्तर में स्थित है। मोंटे पिसिस
ज्वालामुखी को अपना ये नाम पेड्रो जोस
अमादेओ पिसिस से मिला है जो एक फ्रांसीसी भूविज्ञानी थे और उन्होंने चिली सरकार के
लिए काम किया था।
वैज्ञानिकों के
अनुसार इस ज्वालामुखी को बनने में 62 से 66 लाख साल लगे हैं और यह दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की सबसे
ऊँची पर्वत चोटी अकांकागुआ के 550 किमी उत्तर में स्थित है। चूँकि यह ज्वालामुखी
दुनिया के सबसे विशाल रेगिस्तानों में से एक अटाकामा
मरुस्थल के क्षेत्र में स्थित है इसीलिये यहाँ का वातावरण बहुत ही सूखा है फिर भी इसके शिखर
पर भारी बर्फ जमी रहती है।
3. नेवादा ट्रेस क्रुसेस। (Nevado tres cruces volcano)
nevado tres cruces volcano |
नेवादा ट्रेस क्रुसेस
ज्वालामुखी दुनिया का तीसरा सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है। यह अर्जेंटीना और चिली इन दो
देशों की सरहद पर स्थित है। ज्वालामुखी की ऊँचाई 6,748 मीटर (22,139 फुट) है और एंडीज पर्वत श्रंखला में स्थित है इसकी दो
मुख्य चोटियाँ हैं। ज्वालामुखी में
गतिविधि का इतिहास कम से कम 15 लाख वर्षों पुराना है। इस ज्वालामुखी में २ बड़े विस्फोट हुए
हैं- एक 15
लाख साल पहले और दूसरा 67,000 साल पहले।
यह ज्वालामुखी आखिरी बार 28000 वर्ष पहले सक्रिय हुआ था और जब यह फट था तब के विनाश के सबूत आज तक मिलते हैं इसलिए आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये कितना खतरनाक 'dangerous volcanoes' है। वैसे तो ये बिल्कुल शांत दिखाई देता है लेकिन इसके भविष्य में सक्रिय होने की संभावनाएँ भी कम नहीं हैं। चूँकि इस ज्वालामुखी पर कई ग्लेशियर मौजूद हैं, इसीलिये यहाँ का औसत तापमान शून्य डिग्री के आस-पास ही रहता है। ओजोस डेल सलाडो वोल्केनो भी इसके समीप ही स्थित है।
यह ज्वालामुखी आखिरी बार 28000 वर्ष पहले सक्रिय हुआ था और जब यह फट था तब के विनाश के सबूत आज तक मिलते हैं इसलिए आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये कितना खतरनाक 'dangerous volcanoes' है। वैसे तो ये बिल्कुल शांत दिखाई देता है लेकिन इसके भविष्य में सक्रिय होने की संभावनाएँ भी कम नहीं हैं। चूँकि इस ज्वालामुखी पर कई ग्लेशियर मौजूद हैं, इसीलिये यहाँ का औसत तापमान शून्य डिग्री के आस-पास ही रहता है। ओजोस डेल सलाडो वोल्केनो भी इसके समीप ही स्थित है।
4. ललुल्लाईलाको ज्वालामुखी (lullaillaco volcano)
lullaillaco volcano |
दुनिया के सबसे सूखे स्थानों में से एक अटाकामा मरुस्थल के समीप स्थित ललुल्लाईलाको ज्वालामुखी (lullaillaco volcano) चौथा सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है जो सागर तल से 6,739 मीटर (22,110 फुट) ऊँचा है। यह एक प्रसुप्त (Stratovolcano) है और अर्जेंटीना और चिली की सीमा पर स्थित है। यह अटाकामा के उस पठारी क्षेत्र पूना दे अटाकामा (Puna de Atacama) में स्थित है जहाँ दुनिया के कई बहुत ऊँचे और विशाल ज्वालामुखी मिलते हैं। ललुल्लाईलाको ज्वालामुखी 23 किमी लम्बा और 17 किमी चौड़ा है। इसकी जलवायु ठंडी है और यहाँ का औसत तापमान -10 °C के आस-पास रहता है। यह ज्वालामुखी अंतिम बार सन 1877 में सक्रिय हुआ था।
इस ज्वालामुखी की
सबसे पुरानी चट्टानें लगभग 15 लाख वर्ष पुरानी हैं। लगभग 150,000 साल पहले ज्वालामुखी का दक्षिण-पूर्वी किनारा ढह गया
जिससे एक मलबे का हिमस्खलन हुआ जो शिखर से 25
किलोमीटर (16 मील) दूर तक पहुंच गया। 19वीं शताब्दी में भी इस ज्वालामुखी में गतिविधि की खबरें भी
आई हैं।
5. सररो वाल्थर पेंक -सेर्रो टिपस। (Cerro Tipas volcano)
cerro tipas volcano |
सररो वाल्थर पेंक
ज्वालामुखी एंडीज पर्वतमाला में स्थित एक बहुत बड़ा काम्प्लेक्स वोल्केनो (Complex Volcano) है जिसकी ऊँचाई 6,660 मीटर (21,850 फुट) है। यह उत्तरी पश्चिमी अर्जेंटीना में स्थित है। इसे
सेर्रो टिपस (Cerro Tipas) या सेर्रो कजाडरो (Cerro Cazadero) के नाम से भी जाना जाता है। यह ओजोस देल सालाडो के
दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। टिपस संसार का तीसरा सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी है और यह लगभग 25 किमी में फैला है।
इस पूरी ज्वालामुखी
श्रंखला की सक्रियता भी बहुत अधिक है और इसके आस पास के सभी छोटे बड़े
ज्वालामुखियों में भी मैग्मा और लावा की भरमार है कहा जाता है की यहाँ सैकड़ों की
तायदाद में ज्वालामुखियों का पूरा समूह है।
6. इंकाहुअसी ज्वालामुखी। (Incahuasi Volcano)
Incahuasi volcano |
अर्जेंटीना के कटामार्का राज्य और चिली के अटाकामा क्षेत्र की सीमा पर स्थित इंकाहुअसी ज्वालामुखी संसार का छठा सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है। यह भी दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की एंडीज पर्वत श्रंखला में ही स्थित है। इंकाहुअसी सागर तल से 6,621 मीटर (21,722 फुट) ऊँचा है। इस ज्वालामुखी में दो क्रेटर हैं और इसका काल्डेरा क्रेटर 3.5 किमी चौड़ा है। यह ज्वालामुखी तीस किमी से भी अधिक क्षेत्र में फैला है और ओजोस डेल सलाडो के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इंकाहुअसी दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का 12वां सबसे ऊँचा पर्वत भी है।
इस जवालामुखी से जो लावा बहता
है वो 10
वर्ग किलोमीटर (4 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता है। इंकाहुसी लगभग 110
अन्य ज्वालामुखियों के साथ एंडीज के केंद्रीय ज्वालामुखी
क्षेत्र का हिस्सा है और ज्वालामुखी क्षेत्र के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। इंकाहुसी 6,621
मीटर की ऊंचाई के साथ दक्षिण अमेरिका में 12वां सबसे ऊंचा पर्वत है और दुनिया के सबसे ऊंचे
ज्वालामुखियों में से एक है।
7. टुपुंगातो जवालामुखी (Tupungato Volcano)
tupungato volcano |
टुपुंगातो
ज्वालामुखी (Tupungato
Volcano) एंडीज पर्वत श्रेणी में स्थित एक बहुत बड़ा ज्वालामुखी 'dangerous volcanoes' है और यह विशाल ज्वालामुखी समुद्र तल से 6,570 मीटर (21,555 फुट) ऊँचा है। यह चिली मेट्रोपॉलिटन रीजन के एक प्रमुख
अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग के पास और मेंडोज़ा के अर्जेंटीना प्रांत के बीच स्थित है
और राजधानी सेंटियागो के 80 किमी पूर्व में पड़ता है।
टुपुंगातो अमेरिका के
सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक है, यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है और इसमें अंतिम विस्फोट सन 1987 में हुआ था। टूपुन्गाटो की चोटी हमेशा बर्फ की मोटी चादर
से ढकी रहती है।
इस ज्वालामुखी से एक
किस्सा भी जुड़ा हुआ है- एंड्रो रेंज में तुपुंगातो के अर्जेंटीना की ओर दिनांक 2
अगस्त, 1947 को छह यात्रियों और पांच चालक दलों के साथ एक विमान खड़ी
ग्लेशियर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान उस समय हिमस्खलन और भारी बर्फबारी की
चपेट में आ गया था और वहीँ दफन होकर रह गया था। 2000 में ग्लेशियर के खिसकने से इसके कुछ अवशेष नज़र में ए तभी
अर्जेंटीना सेना के एक अभियान ने बिखरे हुए मलबे की खोज की और कुछ सबूत एकत्र किए।
जाँच पड़ताल के बाद ये बात आज हमारे सामने आई हैं।
8. नेवाडो सजामा (Nevado Sajama Volcano)
nevado sajama volcano |
नेवाडो सजामा
(Nevado
Sajamavolcano) दक्षिणी अमेरिकी देश
बोलीविया में स्थित दुनिया का आठवाँ सबसे ऊँचा ‘Strato
Volcano’ है। यह एक शांत
ज्वालामुखी है और 6,542 मीटर (21,463 फुट) ऊँचा है। नेवाडो सजमा बोलीविया की सबसे ऊँची पर्वत
चोटी है और यह सजमा राज्य के सजमा नेशनल पार्क में स्थित है। ज्वालामुखी के
दक्षिणपूर्वी किनारे पर एक सड़क चलती है, जिसमें अतिरिक्त सड़कें सजमा के चारों ओर एक चक्र पूरा करती
हैं।
यह चिली की सीमा से
लगभग 20-22 किमी दूर है और करदिल्लेरा ऑक्सीडेंटल (Cordillera Occidental) पर्वत श्रंखला का हिस्सा है। ज्वालामुखी के चारो और सड़कों
पर चलते हुए यात्री बड़े ही आराम से इस ज्वालामुखी के दृश्य का आनंद ले सकते है।
दूर से देखने में ये काफी खूबसूरत नज़र आता हैं लेकिन नज़दीक जाने पर ये उतना ही
भयानक भी है।
यह स्पष्ट नहीं है कि
यह आखिरी बार कब फटा था लेकिन जानकारों का मानना है कि यह प्लेस्टोसिन या होलोसीन
के दौरान रहा होगा।
ये भी पढ़ें:- Top 5 mysterious places in the world | धरती पर 5 रहस्यमय स्थान जो आज भी बस एक पहेली है।
9. परिनाकोटा ज्वालामुखी। (Parinacota volcano)
parinacota volcano |
चिली और बोलीविया की
सीमा पर स्थित परिनाकोटा ज्वालामुखी (Parinacota volcano) एक शांत ज्वालामुखी है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 6,380 मीटर (20,930 फीट) की है। परिनाकोटा भी एंडीज के केंद्रीय ज्वालामुखी
क्षेत्र का एक अहम हिस्सा है। इस ज्वालामुखी के शिखर पर लगभग 1
किलोमीटर चौड़ा एक गड्ढा है। सैकड़ों साल पहले भूस्खलन के
कारण इस ज्वालामुखी के पश्चिमी किनारे के ढह जाने का दवा किया गया है लेकिन इसके
कोई ठोस प्रमाण अभी तक सामने नहीं आए है।
जानकरों के अनुसार- लगभग
200 साल पहले परिनाकोटा में कई घातक विस्फोट हुए थे,
जिससे आसपास के इलाके संभावित रूप से विस्फोट के प्रभावों
के संपर्क में आये थे पर आबादी को किसी भी तरह का नुक्सान नहीं हुआ है। आशंका है
कि भविष्य में परिनाकोटा में भयानक विस्फोट हो सकते है।
10. कोरोपूना (Coropuna Volcano)
coropuna volcano |
दक्षिण-मध्य पेरू के
एंडीज़ पहाड़ों में स्थित कोरोपुना ज्वालामुखी एक शांत ज्वालामुखी है जिसकी ऊँचाई 6,377 मीटर है और इसी के साथ ये हमारी इस सूची में शामिल दसवाँ
सर्वोच्च ज्वालामुखी है। कोरोपुना ज्वालामुखी 240
वर्ग किलोमीटर (93 वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है जिस वजह से ये पेरू
का तीसरा सबसे बडा और ऊंचा स्थान बनाता है तथा प्रशांत महासागर के तट से केवल 110
किमी दूर है। ये ज्वालामुखी ऊंचाई पर तो बर्फ कि चादर से
ढाका हुआ है लेकिन धरातल पर इसके इर्द गिर्द वनस्पति छेत्र है जिनमें कई तरह के
पेड़,
घास और चारागाह भी शामिल हैं। इस ज्वालामुखी का पैदाइशी नाम
कुहरू पूना (Qhuru Puna) बताया
जाता है।
जानकारों का मानना है
कि कोरोपुना ज्वालामुखी पर जमी ये बर्फ सदियों पहले और भी भरी हुआ करती थी लेकिन 1850
के बाद से ये काम हो रही है। 2018
में एक रिपोर्ट में ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इसपर जमी
बर्फ अभी लगभग 2120 तक
बनी रहेगी।
_____
दुनिया की सबसे बड़ी और खतरनाक ज्वालामुखियों की हमारी इस सूची में हमने दुनिया की दस ज्वालामुखियों 'dangerous volcanoes' के बारे में आपको जानकारियां दी हैं अगर आपको ये पसंद आई है तो ये जानकारी अपने सोशल मीडिया पर शेयर ज़रूर करें और साथ ही हमें फॉलो भी करें।
_____
दुनिया की सबसे बड़ी और खतरनाक ज्वालामुखियों की हमारी इस सूची में हमने दुनिया की दस ज्वालामुखियों 'dangerous volcanoes' के बारे में आपको जानकारियां दी हैं अगर आपको ये पसंद आई है तो ये जानकारी अपने सोशल मीडिया पर शेयर ज़रूर करें और साथ ही हमें फॉलो भी करें।
हमारी इस पोस्ट में हमने आपको बिल्ली के बारे में 35 रोचक तथ्य 'interesting facts about cats in hindi' बताया है, जो आज दुनिया भर में चर्चित भी है। क्या आपको ये जानकारी पसंद आई? अगर हाँ तो आप से अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें, ऐसी ही जानकारियां हमेशा प्राप्त करने के लिए CLICK HERE!!! जुड़े रहें हमारे साथ, हमें फॉलो करें @instagram, @facebook, @twitter, @pinterest और अगर आप हमारी विडियो हिन्दी में देखना चाहते हैं तो ⤇ क्लिक करें⤆ और हमारे यूट्यूब चैनल 'Universal हिन्दी Facts' पर जाएँ।
0 Comments
Welcome to Universal Hindi Facts. Please do not enter any spam links in the comment box.