Top 10 railway routes in the world
railway routes |
Railway routes: उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में बढ़ते औधोगिकरण के साथ ही यातायात और माल ढुलाई की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए रेल 'Train' पूरी दुनिया मे इसके लिए एक बेहतर विकल्प की तलाश थी इसी क्रम में जार्ज स्टीफेंसन 1814 में पहले भाप इंजन का अविष्कार किया 27 सितंबर 1825 को भाप इंजन की सहायता से 38 डिब्बों वाली पहली ट्रेन लंदन के डार्लिंगटन से स्टाकटोन के बीच चली इस पहली ट्रेन में 600 यात्री सवार थे।
यातायात के इस क्रांतिकारी युग की शुरुआत होने के बाद कुछ ही दशकों में रेल पूरी दुनिया की जरूरत बन गई। रेलवे ने दूरदराज के इलाकों को आपस मे जोड़ कर हजारों दिलों को भी जोड़ने का मुश्किल काम किया है
इसलिए इंसान के इतिहास में रेलवे के इस महान काम को सदा याद किया जाएगा साथ ही उन इंजीनियर्स को भी जिन्होंने विषम परिस्थितियों में खतरनाक जगहों पर अपने परिवार से दूर होकर मानवता को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है
हम इतिहास के उन इंजीनियर्स को सलाम करते हैं। और इसी के साथ आज हम आपके लिए लाएं है कुछ ऐसे ही हैरतअंगेज रेलवे मार्ग 'railway routes' की अदभुत जानकारियां।
10. कम्ब्रिज एंड टोलटेक सीनिक रेलवे मार्ग, न्यू मैक्सिको।
the cumbres railway route |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में दसवे नंबर पर है कम्ब्रिज एंड टोलटेक सीनिक रेलवे मार्ग। 1880 में बनकर तैयार हुआ ये रेलवे ट्रेक अमेरिका के न्यू मेक्सिको प्रान्त के अल्वडे से शुरू होती है और वाया एन्टोनीटो होती हुई कोलारोडा तक पहुंचती है 80 किलोमीटर लंबी ये अमेरिका की सबसे ऊंची रेलवे लाइन है।
रॉकी पर्वतमाला की ऊंचाइयों से गुजरने वाले इस ट्रैक पर आज भी डीजल या कोयले से चलने वाली ट्रेनें ही चलती हैं। ये ट्रेन कई खतरनाक मोड़ो से गुजरती हुई 9 बड़ी और 23 छोटी गुफाओं को पार करती है साथ ही रास्ते मे कई खतरनाक पुलो को भी पार करती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस खतरनाक रेलवे लाइन को इंजीनियर्स ने केवल नौ महीनों में तैयार कर दिया इसीलिए इस ट्रेक को इंजीनियरिंग का चमत्कार भी माना जाता है। इस ट्रेन का सफर ऊंचाइयों से डरने वालों के बिल्कुल नही है।
9. ट्रेन ए लास नुबेस रेलवे मार्ग, अर्जेंटीना।
tren a las nubes |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में नौवे नंबर पर है ट्रेन ए लास नुबेस रेलवे मार्ग। अर्जेंटीना की इस सबसे खूबसूरत और साथ ही खतरनाक रेलवे ट्रेक के निर्माण का काम 1921 मे शुरू हुआ।
एंडीज पर्वतमाला की 4220 फिट की ऊंचाइयों पर काम करना इंजीनियरों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी कई इंजिनीयर्स एंडीज के बर्फीले वातावरण का शिकार हो कर शहीद हो गए फिर भी इस रेलवे ट्रेक को 1948 तक पूरा कर दिया गया।
एंडीज पर्वत माला से गुजरने वाला यह रास्ता उत्तर पश्चिमी अर्जेंटीना से होता हुआ चिली की सीमा तक जाता है इस रूट की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि दुनिया के इस सबसे खतरनाक रेलवे ट्रेक पर 29 सुरंगे 21 पुल और 13 क्रॉसिंग ब्रिज हैं। इस ट्रेन का सफर रोमांचित कर देना के साथ साथ लोगों को हैरान भी कर देता है।
8. वाइट पास रेलवे मार्ग, अलास्का।
white pass railroad |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में आठवे नंबर पर है वाइट पास रेलवे मार्ग। 176 किलोमीटर लंबे इस रेलवे लाइन का निर्माण कार्य 1884 में शुरू हुआ 26 वर्षों की मेहनत के बाद ये ट्रेक 1900 में जब जनता के लिए खोला गया तो यह जल्द ही देश का सबसे लोकप्रिय रेल रुट बन गया क्योंकि 176 किलोमीटर लंबे इस रुट से रेल का सफर लोगो को किसी दूसरी दुनिया के सफर का एहसास करा देता था।
एक तरह आकाश को छूते पहाड़ दूसरी ओर गहरी खाई ट्रेन कहीं, खूबसूरत वादियों के बीच से गुजरती है और अगले ही पल पर्वत के ऊंचे शिखर पर अटखेलियां खाती हुई नजर आती है।
आज भी यह रेलवे लाइन अपनी उसी खूबसूरती के साथ काम कर रही है। 1988 में इस खूबसूरत रेलवे लाइन को पर्यटन को सपर्पित कर दिया गया जिसके कारण लोग दूर दूर से इस ट्रैक पर रोमांचित कर देने वाले सफर का आनंद लेने आते हैं।
7. नैपियर-गिसबोर्न रेलवे मार्ग, न्यूजीलैंड।
napier gisborne railroad |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में सातवे नंबर पर है नैपियर-गिसबोर्न रेलवे मार्ग। इसे सबसे यूनीक रेलवे ट्रैक भी कहा जाता है, क्योंकि यह गिसबोर्न एयरपोर्ट के रन-वे से गुजरती है।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से परमिशन मिलने के बाद ही ट्रेन इस ट्रैक से गुजरती है। नैपियर से पालमर्सटन के बीच बने इस ट्रैक का निर्माण 1872 में शुरू हुआ था, जो 1981 में कम्प्लीट हुआ। 1939 में क्लिक की गई इस फोटो में रनवे के बीच से स्टीम ट्रेन गुजर रही है।
6. कुरेन्डा सिनिक रेलवे मार्ग, ऑस्ट्रेलिया।
kuranda scenic railroad |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में छठे नंबर पर है कुरेन्डा सिनिक रेलवे मार्ग। 1882 में बनना शुरू हुआ यह रेलवे ट्रेक 1891 में बनकर तैयार हुआ। 34 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये घने वर्षावनों से होकर गुजरती है
इस ट्रैक पर चलने वाली ट्रेन वर्ल्ड हेरिटेज बैरन नेशनल पार्क से होती हुई मैक आलिस्टर रेंज ऑस्ट्रेलिया 'Mac allister range Australia' को जोड़ती है इस अमेजिंग रुट पर कई झरने तीखे मोड़ गहरी खाइयां और कुदरत के अनूठे नजारे देखने को मिलते हैं जो दिल को सुकून देते हैं हनीमून कपल के लिए इस रुट पर सफर करना बहुत ही यादगार साबित होता है।
5. डेविल्स नोज रेलवे मार्ग, इक्वाडोर।
devils nose railroad |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में पांचवे नंबर पर है डेविल्स नोज रेलवे मार्ग। एंडीज पर्वतमाला में अलाउसी और सिबाम्बे के बीच 12 किलोमीटर का यह गजब का रेल ट्रेक सांसे फुला देता है इस ट्रैक को बनाने का काम 1890 मे शुरू हुआ जो 1902 में बनकर तैयार हुआ ये रेलवे लाइन समुद्र तल से 9000 फुट की ऊंचाई पर है कुछ जगहों पर तो ट्रेन अचानक 500 मीटर की सीधी खड़ी चढ़ाइयों पर चढ़ते हुए अचानक नीचे की ओर सरकती हुई नजर आती है इसमें यात्रा करने वाले लोग इस ट्रेन के सफर को जिंदगी भर याद रखते हैं।
4. लैंडवासर विडक्ट रेलवे मार्ग, स्विट्जरलैंड।
landwasser viaduct |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में चौथे नंबर पर है लैंडवासर विडक्ट रेलवे मार्ग। लैंड वासर विडक्ट ट्रैक रेलवे ब्रिज लैंड वासर नदी पर बना है। इसे भी इंजीनियरिंग की दुनिया का चमत्कार कहा जाता है, क्योंकि इसे 11 महीनों में ही तैयार कर दिया गया था। इसका निर्माण कार्य 1901 में शुरू हुआ था।
पहाड़, घने जंगलों और नदी किनारे बने इस ब्रिज की लंबाई करीब 65 किमी है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 9, 200 मीटर की है। पहाड़ों पर 6 कर्व हैं, जिस पर से गुजरते समय ट्रेन किसी सांप की तरह नजर आती है।
3. मैकलॉन्ग मार्केट रेलवे मार्ग, थाईलैंड।
maeklong market railway |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है मैकलॉन्ग मार्केट रेलवे मार्ग। लॉन्ग बीन ब्रिज की ओर जाने वाला यह रूट पुराने शहर की तंग गलियों से होकर गुजरता है। यहां दिन में दो बार शाम 4 बजे और 6 बजे ट्रेन गुजरती है।
हनोई का ये सबसे पुराना इलाका है और लंबे समय से ये शहर का आर्थिक केंद्र रहा है। सरकार के आदेश के चलते इस इलाके में ज्यादा ऊंची बिल्डिंग का निर्माण नहीं किया जा सका।
लोगों ने अपने घर और दुकानों का निर्माण इस तरह किया कि वे लॉन्ग बीन ब्रिज के पास तक पहुंच गए, जहां रेलवे ट्रैक है। यहां नजारा ऐसा होता है कि ट्रेन गुजरने के थोड़ी देर बाद ही लोग फिर से रेलवे ट्रैक के इर्द-गिर्द अपने काम में जुट जाते हैं। करीब 66 किमी लंबे इस ट्रैक का निर्माण 1901 में शुरू हुआ था। मार्च 1904 में यहां से पहली पैसेंजर ट्रेन गुजरी थी।
2. ट्रांस-साइबेरियन रेलवे मार्ग, रूस।
trans siberian railway |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में दुसरे नंबर पर है ट्रांस-साइबेरियन रेलवे मार्ग। रूस का यह ट्रैक मॉस्को से लेकर रूस और जापान के समुद्र को जोड़ता है। ट्रैक की लंबाई 9,289 किमी है जो दुनिया की सबसे रेलवे लाइन है। लाइन का निर्माण कार्य 1929 में शुरू होकर 1980 में पूरा हुआ।
मंगोलिया, चीन और उत्तर कोरिया के अलावा अब अन्य देशों से भी लाइनों को जोड़ने का काम चल रहा है। साइबेरिया दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में से ही एक नहीं, बल्कि यहां ऊंची-ऊंची खतरनाक पहाड़ियां भी हैं, जिन पर से ट्रेन गुजरती हैं।
घने जंगलों के बीच कहीं-कहीं ट्रैक की ऊंचाई 60 से 70 फीट भी ऊंची है, जो यात्रियों को डरा देने के लिए काफी है।
1. चेन्नई रामेश्वरम रेलवे मार्ग, भारत।
chennai rameshwaram railway route |
हमारी इस अमेजिंग रेलवे रुट्स 'railway routes' की लिस्ट में पहले नंबर पर है चेन्नई रामेश्वरम रेलवे मार्ग। बहुत पुराने समय से ही रामेश्वरम एक बड़ा बंदरगाह था लेकिन यहां से समान को लाने ले जाने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए अंग्रेजों को यहां पुल बनाने की जरूरत महसूस हुई 1898 में इस पुल के निर्माण का काम शुरू हुआ जो 1914 में पूरा हुआ।
चैन्नई को रामेश्वरम से जोड़ने वाला यह रेलवे ट्रैक अपने आप मे इंजीनियरिंग का बहुत बड़ा कमाल था। यह पुल कंक्रीट के 145 खम्भो पर टिका हुआ है इसके बनने से पहले चेन्नई और रामेश्वरम के बीच यातायात के लिए नाव के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही था लेकिन इस रेलवे ट्रैक के बनने के बाद न सिर्फ व्यापार में फायदा होने लगा बल्कि आम नागरिक का भी बहुत फायदा हुआ।।
आज भी इस ट्रेन से यात्रा लोगों को रोमांचित कर देती है। इठलाती लहरों के बीच ट्रेन की सवारी मन को किसी और ही दुनिया मे ले जाती है। समुद्र में होने के कारण इस रेलवे ट्रेक को मौसमी मार झेलनी पड़ती है इसके साथ ही इस ट्रैक को जंग लगने से बचाने के लिए 10 से बारह लोग हमेशा इस ट्रैक पर काम करते है।
क्या आपको ये जानकारी पसंद आई? अगर हाँ तो आप से अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें, ऐसी ही जानकारियां हमेशा प्राप्त करने के लिए CLICK HERE!!! जुड़े रहें हमारे साथ, हमें फॉलो करें @instagram, @facebook, @twitter, @pinterest और अगर आप हमारी विडियो हिन्दी में देखना चाहते हैं तो ⤇ क्लिक करें⤆ और हमारे यूट्यूब चैनल 'Universal हिन्दी Facts' पर जाएँ।