वैसे तो हमारे देश भारत में
ख़ूबसूरत, महंगी और अद्भुत प्रतिमाओं की कमी नहीं है लेकिन हाल ही भारत में बनकर तैयार
हुई है देश की एक और सबसे अनोखी प्रतिमा जिसका नाम है जटायु स्टेच्यू 'Jatayu Statue' जो एक पक्षी मूर्तिकला है और केरल में घूमने के लिए 'places to visit in kerala' अच्छी जगह है। ये मूर्ती कहाँ बनाई गई है ? किसने बनाया है? और इससे बनाने में कितना समय और संसाधनों की आव्यशकता हुई है आज हम इसी के बारे में आपको बताएँगे। सबसे पहले हम इस खूबसूरत मूर्ति की बुनियादी संरचना
की बात करते हैं।
ये प्रतिमा कहाँ बनाई
गई है?
यह मूर्ति केरल के कोल्लम
जिले में एक पहाड़ी की चोटी पर बनाई गई है जो कि कोल्लम टूरिस्ट प्लेस 'kollam tourist places' का हिस्सा है। और यह दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्तिकला
है जो कि 200 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी, 70 फीट ऊंची और समुद्र तल से 350 मीटर की ऊंचाई
पर स्थित है जिसे 7 साल में बनाया गया है। इस मूर्ति की रचना राजीव अंचल द्वारा करि गई है
जो पेशे से एक फिल्म निर्देशक भी हैं। ये भारत के सबसे खूबसूरत दर्शनीय स्थलों 'best places to visit in india' में से एक है।
जटायु पार्क 'jatayu park' की ज़मीन राजीव आंचल जी की टीम ने 30 साल के लिए केरल सरकार से लीस पर ली हुई है और 30 साल पूरे होने के बाद इस ज़मीन पर बने पूरे पार्क पर केरल सरकार का हक़ होगा।
जटायु पार्क 'jatayu park' की ज़मीन राजीव आंचल जी की टीम ने 30 साल के लिए केरल सरकार से लीस पर ली हुई है और 30 साल पूरे होने के बाद इस ज़मीन पर बने पूरे पार्क पर केरल सरकार का हक़ होगा।
केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम
से इस पार्क की दूरी 46KM है। पार्क 4 जुलाई 2018 को पर्यटकों के लिए खोला गया और केरल
के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन 'Chief Minister Of Kerala: Pinarayi Vijayan' द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।
मूर्ति की खूबसूरती
और इसे बनाये जाने के फायदे।
जटायु मूर्ति के बहुत करीब जाने
पर आपको इसकी खूबसूरती का अंदाज़ होता है। आम तौर पर कोई भी मूर्ति या इमारत बनाने से
पहले उस जगह से जंगलों को साफ कर दिया जाता है मगर इस मूर्ति को बनाने के लिए पहले
1 पूरा जंगल बनाया गया। जी हाँ ये बिल्कुल सच है….
इस मूर्ति के बनने से पहले यहाँ एक बंजर ज़मीर थी जिसमें लाखों पेड़ लगाए गए और इसे एक हरे भरे जंगल में बदला गया और उसके बाद इस मूर्ति के बनने का काम शुरू हुआ।
इस मूर्ति के बनने से पहले यहाँ एक बंजर ज़मीर थी जिसमें लाखों पेड़ लगाए गए और इसे एक हरे भरे जंगल में बदला गया और उसके बाद इस मूर्ति के बनने का काम शुरू हुआ।
jatayu earth center |
इस मूर्ति समेत पूरे पार्क 'jatayu earth center' के बनने का पहला चरण 100 करोड़ रुपए में पूरा हुआ और इसमें एडवेंचर ज़ोन शामिल है जिसमें खेल कूद के साधन मौजूद हैं जिसका 3 किमी का दायरा है साथ ही
इसमे एक पानी की टंकी भी बनाई गई है जो बारिश के पानी को इकट्ठा करती है।
जिससे हर
साल 15 लाख लीटर पानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी के ज़रिये इस्तेमाल में लिया
जा सकता है जो वाकई में एक बहुत अच्छी सोच है। प्रतिमा के साथ-साथ जटायू नेचर पार्क
में एक संग्रहालय भी है जो अभी बनने की प्रक्रिया में है।
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यह मूर्ति जटायु नेचर पार्क
में सबसे ऊपर पहाड़ की चोटी पर मौजूद है इसलिए यहाँ तक पहुंचने के लिए केबल कार की सुविधा
भी दी गई है और ये केबल कर स्विड्ज़रलैंड से मंगवाई गई है। यहाँ हर रोज़ चार हज़ार से भी
ज़्यादा पर्यटक आते हैं जिसमें से ज़्यादातर विदेशी होते हैं। यहाँ की टिकट की कीमत आप
केरल टूरिस्म 'kerala tourism' की ऑफिसियल वेबसाइट पे देख सकते हैं।
इसी पार्क में एक मंदिर का भी निर्माण
किया जा रहा है जो 1 साल में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। 2020 के बाद से ही जटायू
नेचर पार्क देश की तमाम खूबसूरत और ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल हो जाएगा जिसका एक अलग
ही इतिहास बन जाएगा। केरल राज्य देश का बहुत ही खूबसूरत राज्य है जहां जटायू मूर्ति
जैसे और भी खूबसूरत पर्यटक स्थल 'tourist places in india' हैं।
places to visit in kerala |
अब अंत में सबसे खास बात...!!
गुजरात में बनी बल्लभ भाई पटेल जी की मूर्ति जो अब दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे ज़्यादा खर्च में बनने वाली मूर्ति है जिसका पूरा खर्च सरकार ने किया था जिसमें कुल खर्च लगभग Rs. 3300/- करोड़ रूपए आया था लेकिन इस मूर्ति को बनाने में सिर्फ Rs. 100 करोड़ रूपए का खर्च आया है और उसमें भी सरकार का 1 रुपया नहीं लगा है। इसका सारा खर्च प्राइवेट फण्ड से हुआ है जो इस मूर्ति की शान और भी बढ़ा देता है।
हमारी राय में देश के हर उस
इंसान को इस मूर्ति के बनने की कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए जिससे देश की तरक्की में
योगदान दिया जा सके और हमें अपनी सरकार से भी सवाल पूछने चाहिए कि अगर केरल में इतनी
शानदार प्रतिमा इतने व्यवस्थित तरीके से बनाई जा सकती है जिससे देश की जनता के टेक्स
का पैसा भी बर्बाद नहीं होता तो फिर हज़ारों करोड़ों रूपए की मूर्ति बनाने में ये फ़िज़ूल
खर्च आखिर क्यों किया जाता है।
सोचिये, विचार कीजिये और इसे
दूसरों तक पहुंचाइये।
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यह मूर्ती बनने के बाद से ही ये बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस इन केरला 'best tourist places in kerala' का टैग मिल गया। आपको ये जानकारी कैसी लगी है हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएं और साथ ही इसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर भी करें।
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