qutub minar ki lambai कितनी है? और qutub minar का इतिहास क्या है?

qutub minar ki lambai
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भारत एक एतिहासिक देश हैं जहां हजारों महल, राज महल, मूर्तियाँ, इमारतें और बहुत से मीनार भी है जिसमें से सबसे ज़्यादा चर्चित है क़ुतुब मीनार (qutub minar), और बहुत से लोगों में यह जानने की जिज्ञासा रहती है कि qutub minar ki lambai कितनी है? qutub minar का इतिहास? qutub minar किसने बनवाया? और बहुत से सवाल आज भी लोगो के मन में अक्सर आते हैं जिनमें से बहुत से सवालों के जवाब आज हम आपको देंगे।

कुतुब मीनार भारत देश की एक एतिहासिक इमारत के साथ-साथ देश की धरोहर भी है जिसका दीदार करने दुनिया बाहर से लोग भारत आते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुतुब मीनार के बनने के पीछे के क्या कारण हैं? क़ुतुब मीनार का इतिहास क्या है? तो सबसे पहले हम क़ुतुब मीनार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।


कुतुब मीनार क्या है? और qutub minar कहाँ स्थित हैं?

कुतुब मीनार एक एतिहासिक इमारत है जो इतिहास के कुछ शशकों द्वारा धार्मिक स्थल के रूप में बनाई गई थी। कुतुब मीनार दिल्ली (भारत) के महरौली जिला के स्थित है जिसे यूनेस्को द्वारा संरक्षित किया जाता है इसलिए यह 1993 से ही यूनेस्को की विश्व धरोहरों कि सूची में शामिल है।

कुतुब मीनार दिल्ली शहर के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है जहां दुनिया बाहर के पर्यटक आते हैं और qutub minar जाने के लिए कोई खास दिन नहीं है क्यूंकि यहाँ आप हर रोज़ जा सकते हैं।

 

Location of Qutb Minar in India - कुतुब मीनार का पता क्या है?

कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली क्षेत्र में अरबिंदो मार्ग पर स्थित है जिसकी दूरी महरौली बस टर्मिनल से लगभग 1 km की है और tb hospital से 300 मीटर की दूरी पर है। क़ुतुब मीनार का पता है : qutab minar, aurobindo marg, mehrauli, new delhi (india) अगर आप यात्री है और आपको रहने की जगह चाहिए तो आपको कुतुब मीनार के आस पास रहने की सुविधाएं भी मिल जाएंगी है।

 

क़ुतुब मीनार देखने कैसे जाएँ?

अगर आप कुतुब मीनार देखना चाहते हैं तो वहाँ पहुँचने के लिए आपके पास यातायात के संसाधनों कि कोई कमी नहीं पड़ेगी। आप कुतुब मीनार पहुँचने के लिए बस का सहारा ले सकते हैं, दिल्ली मेट्रो का सहारा ले सकते हैं जिसका नजदीकी मेट्रो स्टेशन कुतुब मीनार ही है जो दिल्ली मेट्रो कि येल्लो लाइन पर हैं। आप यहाँ बस का सफर करके भी पहुँच सकते हैं।

 

कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है?

qutub minar ki lambai
qutub minar ki lambai

कुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनार है और इसे देश कर अक्सर लोगो के में यह खयाल आता होगा की आखिर qutub minar ki lambai कितनी है? तो हम आपको बताते हैं कि आखिर qutub minar ki height असल में कितनी है। Qutub Minar ki Lambai मीटर में : 72.5 और फीट/फुट में: 237.8 हैं और इसी के कारण कुतुब मीनार ईंटों से बनी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है।

 

Qutub Minar Height qutub minar ki lambai
मीटर में 72.5
फीट/फुट में 237.8

 

कुतुब मीनार भले ही दिखने में ऐसा लगता है मानो पूरी मीनार एक बार में ही बनकर तयार हुई होगी मगर आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की क़ुतुब मीनार का निर्माण कभी भी एक बार में नहीं हुआ इसे एक के बाद एक टुकड़ों में बनाया गया। क़ुतुब मीनार कि एक-एक मंज़िल को अलग अलग समयकाल के दौरान अलग-अलग साशकों ने बनाया।

कई बार क़ुतुब मीनार को छति भी पहुंची है कभी बिजली गिरने के कारण तो कभी भूकंप के कारण और कई बार इसकी मरम्मत भी कारवाई गई है।

 

क़ुतुब मीनार का इतिहास क्या है?

क़ुतुब मीनार का इतिहास और भी रोचक है जिसके बारे में जानकार आप अचंभित रह जाएंगे। जानकारों का ऐसा मानना है कि कुतुब मीनार भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पहले बनने वाले और आज तक सुरक्षित रहने वाले स्थानों में से एक है।

क़ुतुब मीनार का निर्माण 1192 में Qutab-ud-din Aibak द्वारा शुरू किया गया और 1220 में शम्सुद्दीन इल्तुतमिश (Aibak के दामाद) द्वारा समाप्त किया गया।

क़ुतुब मीनार को बनाने वालों का खुद का भी इतिहास और अलग है।

 

ग्यारहवीं शताब्दी के अंत से बारहवीं शताब्दी की शुरुआत में पश्चिमी अफगानिस्तान के पहाड़ी क्षेत्र घुर से आए जिन्हें इतिहास में घुरिद (ghurid) कहा गाय है। यह खानाबदोश कबीले जब भारत आए तो उन्होंने इस्लाम धर्म भी अपना लिया और मुसलमान बन गए। धीरे धीरे उन्होंने आधुनिक भारत में विस्तार किया और कुछ समय के अंतराल में भारत देश के सिंध क्षेत्र पर अपना नियंत्रण जमा लिया।

सन्न 1193 में कुतुब अल-दीन ऐबक ने दिल्ली पर जीत हासिल की और यहाँ एक घुरिद शासन लागू किया और उसके बाद सामूहिक मस्जिद कुतुब मीनार परिसर को 1193 में स्थापित किया।

उसके बाद कुतुब मीनार भारत में बसे इन नए मुस्लिम समुदायों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल बन गया।

कुतुब मीनार में लाल और भूरे बलुआ पत्थर की पांच मंजिलें हैं जो अलग अलग समय में बनाई गई है। अब हम विस्तार में समझते हैं ही क़ुतुब मीनार के साथ कब कौन सी घटना हुई और कम इसकी मीनारों का निर्माण हुआ।

 

 

कुतुब मीनार के नाम रखने के पीछे का इतिहास।

qutub minar ki lambai
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आज के समय में आमतौर पर यही माना जाता है कि कुतुब मीनार नाम कुतुब-उद-दीन ऐबक के नाम पर रखा गया है मगर यह भी संभव है कि इसका नाम 13वीं शताब्दी के सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर पड़ा हो क्योंकि शम्सुद्दीन इल्तुतमिश उन्ही के अनुयायी थे और उन्हे बहुत मानते थे।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसका कोई इतिहास ही नहीं है जो यह साबित कर पाये कि कुतुब मीनार का नाम असल में किस पर रखा गया है इसलिए हम बस कुछ समकाल में मानी जाने वाली चीजों के आधार पर ही इस बात का फैसला कर पाने में सक्षम हुए हैं।

 

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कुतुब मीनार के बनने और मरम्मत का समय।

सबसे पहले कुतुब मीनार के बनने कि नीव घुरिद वंश के दौरान राखी गई उसके बाद से अब तक कुतुब मीनार को बहुत बार हानि पहुंची है और अब तक कुतुब मीनार तन के शान से खड़ा है।

सन्न 1369 में कुतुब मीनार पर बिजली गिरने कि वजह से मीनार को बहुत नुकसान पहुंचा उस समय के शासक फिरोज शाह तुगलक थे और उन्होने मीनार के क्षतिग्रस्त भाग को सही करवाया और उसमें एक मीनार और ऊपर जुड़वा दिया।

उसी दौरान जब शेर शाह सूरी शासन कर रहा था तब उसने भी कुतुब मीनार में एक प्रवेश द्वार जोड़ा।

फिर सान 1505 में एक बहुत बड़े भूकंप ने कुतुब मीनार को भयानक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया जिसकी मरम्मत सिकंदर लोदी ने कारवाई। लगभग 300 साल बाद फिर से 1 सितंबर 1803 को एक बड़े भूकंप ने कुतुब मीनार को गंभीर क्षति पहुंचाई और फिरसे उसकी मरम्मत कारवाई गई।

1828 में ब्रिटिश भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने कुतुब मीनार का जीर्णोद्धार किया और पांचवीं मीनार पर एक स्तंभित गुंबद स्थापित किया।

कुतुब मीनार के विभिन्न खंडों में पेसरियन-अरबी और नागरी, इसके निर्माण के इतिहास और बाद में फिरोज शाह तुगलक (1351-88) और सिकंदर लोदी (1489-1517) द्वारा मरम्मत करवाए जाने के इतिहास में सबूत उपलब्ध हैं।

इस तरह जब-जब कुतुब मीनार को प्रकृतिक कारणों से क्षति पहुंची है तब तब उसकी मारामात उस समय के शासकों द्वारा कारवाई है और आज के (1993 में) समय में कुतुब मीनार यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में जोड़ा गया है जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी अब UNESCO के पास है।

 

 

कुतुब मीनार में घाटी 3 बड़ी दुर्घटनाएँ।

1) 1976 से पहले आम जनता को कुतुब मीनार की आंतरिक सीढ़ियों के माध्यम से मीनार की पहली मंजिल तक जाने की अनुमति थी लेकिन आज हम क़ुतुब मीनार में ऊपर जाना तो दूर कि बात अंदर तक प्रवेश नहीं कर सकते।

2) 4 दिसंबर 1981 को कुतुब मीनार में घाटी किसी दुर्घटना के कारण 45 लोगो की मौत हो गई और कुछ लोग घायल हो गए इनमें से ज्यादातर स्कूली बच्चे थे इस घटना के बाद से कुतुब मीनार में प्रवेश को लेकर नियम और भी कड़े कर दिए गए।

3) 2000 के बाद आत्महत्या के कारण कुतुब मीनार के शीर्ष तक जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई और आज तक यह पाबंदी कायम है। अगर आप कभी भी क़ुतुब मीनार गए हो या जाने वाले है तो आप क़ुतुब मीनार को एक लोहे कि छड़ों से घिरा पाएंगे जिसे छूने तक कि इजाज़त नहीं है।

 

qutub minar qtub minar
Open All days
Entry Fee 40 (Indians), 600 (foreigners)
Qutub Minar Height 72.5 meteres or 237.8 feet
Location Mehrauli, DELHI
Address Aurobindo Marg, Mehrauli, New Delhi
Nearest Metro Station Qutab Minar
Type Cultural
Built by Qutab-ud-din Aibak
Year Built 1192
Construction Starts Started in 1199 by Qutb-ud-din Aibak
Construction Final 1220 by his son-in-law Iltutmish

 

 

कुतुब मीनार से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

  • कुतुब मीनार में फिल्म कि शूटिंग -एक बार देव आनंद जो कि बॉलीवुड अभिनेता और निर्देशक भी है, कुतुब मीनार के अंदर अपनी फिल्म तेरे घर के सामने के गाने "दिल का भंवर करे पुकार" की शूटिंग करना चाहते थे लेकिन उस समय के कैमरे मीनार के संकरे रास्ते में फिट होने के लिए बहुत बड़े थे और इसलिए गाने की शूटिंग पूरी तरह से कुतुब मीनार अंदर नहीं हो पाई।
  • दिल्ली मेट्रो रेल के टोकन पर कुतुब मीनार की तस्वीर – अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपने मेट्रो में सफर किया है तो आपने दिल्ली मेट्रो द्वारा जारी किए गए यात्रा कार्ड और टोकन पर मीनार की एक तस्वीर देखि होगी जिसे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा चित्रित कारवाई गई थी।
  • कुतुब मीनार के अंदर यज्ञ करने कि कोशिश – एक बार दिल्ली पुलिस ने कुतुब मीनार के अंदर यज्ञ करने जे जुर्म में राम कृष्ण गौर के नेतृत्व में कार्य कर रहे 80 कार्यकर्ताओं को जो कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े थे, हिरासत में लिया था जो कुतुब मीनार के पास यज्ञ की मेजबानी करने की योजना बना रहे थे।

 

 

 

अलाइ मीनार क्या है? और Alai minar कहा स्थित है?

Alai minar
alai minar

अलाइ मीनार कुतुब परिसर में ही स्थित है जो क़ुतुब मीनार के उत्तर में बनाई जाने वाली एक और मीनार है जिसका निर्माण अलाउद्दीन खिलजी द्वारा क़ुतुब मीनार से दुगने आकार का बनाने के इरादे से किया गया था लेकिन किन्हीं कारणों से इसका निर्माण पहली मंजिल तक ही पूरा हो पाया और उसके बाद Alai minar का निर्माणकार्य पूरी तरह से रोक दिया गया।

अभी alai minar ki unchai 25 मीटर है और इसे एक घटिया कुतुब मीनार भी कहा जाता है क्यूंकी इसे देख कर आपको ऐसा लगेगा मानो एक पुरानी पहाड़ी का टुकड़ा हो और किसी भी तरह की फिनिशिंग इसपर नही करी गई है।

बस इस मीनार के चारो ओर मजबूत पत्थरों का चबूतरे बना दिये गए हैं ताकि इसकी सुंदरता बनाई जा सके और इसे सुरक्शित रखा जा सके।

 

 

कुतुब मीनार से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब।

 

1. क़ुतुब मीनार कब बना?

उत्तर: सन्न 1192 में।

 

2. कुतुब मीनार किसने बनवाया?

उत्तर: Qutab-ud-din Aibak.

 

3. Qutub Minar कहाँ स्थित हैं?

उत्तर: दिल्ली के महरौली क्षेत्र में (Mehrauli, DELHI)।

 

4. qutub minar ki lambai कितनी है?

उत्तर: कुतुब मीनार की लम्बाई मीटर में : 72.5 और फीट/फुट में: 237.8 हैं।

 

5. क़ुतुब मीनार यूनेस्को की विश्व धरोहरों कि सूची में कब शामिल किया गया?

उत्तर: सन्न 1993 में।

 

 

कुतुब मीनार की लंबाई कितनी है -लेख का निष्कर्ष।

हमारे इस लेख में आज अपने सीखा कि क़ुतुब मीनार का इतिहास क्या है इसे किसने बनाया और यह कितनी बार क्षतिग्रस्त हुआ और क़ुतुब मीनार के बनने से लेकर अब तक इसे किस किस शशकों से संरक्षित किया कुतुब मीनार के नाम रखने के पीछे का इतिहास क्या है? कुछ और सवालों के जवाब आज आपने पाये हैं तो मुझे उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।


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