chittorgarh fort |
चित्तौड़गढ़ का किला “Chittorgarh fort history in hindi: भारत के किले भारत के इतिहास की बहुत ही अद्भुत और रोमांचक कहानियाँ बयां करते हैं, पूरी दुनिया में भारत ही एकमात्र ऐसा देश हैं जहां सबसे ज़्यादा किले मौजूद हैं।
Chittorgarh fort history in hindi -किले का इतिहास।
अगर हम प्राचीन भारत के किलों के इतिहास में झाँके तो हम बहुत से ऐसे किलों के बारे में जानेंगे जिनके बनने के बाद बहुत से शशकों ने उसपर अपना हक जमाया, शासन किया, अपना साम्राज्य बढ़ाया और एक दिन वे खत्म भी हो गए लेकिन वे किले आज भी देश में मौजूद हैं जिनकी मजबूत दीवारें चीख-चीख कर अपनी हक़ीक़त बयां करती है।
इतिहास के सबसे खूनी कहानियों में चित्तौड़गढ़ के किले का नाम सबसे पहले आता है जो देश का सबसे बड़ा किला भी है और आज हम इसी किले के बारे में 'chittorgarh fort history in hindi' कुछ खास बातें जानेंगे।
Chittorgarh fort कहा स्थित है?
Chittorgarh fort history in hindi: चित्तौड़गढ़ का किला राजस्थान के एक क्षेत्र चित्तौड़गढ़ में स्थित है, यह किला लगभग 700 एकड़ में फैला हुआ है जो बेराच नदी के किनारे मेसा के पठार पर जमीन से 500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इस किले की दीवार से आप पूरे शहर को देख सकते हैं।
इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण मौर्यवंशीय राजा चित्रांगद मौर्या ने सातवीं शताब्दी में करवाया था और इसे चित्रकूट के नाम पर बसाया गया फिर कुछ वर्षों के बाद इस किले के स्थान को चित्तौड़ कहा जाने लग।
7वीं सदी से 16वीं सदी तक यह किला कई राजवंशो का महत्वतपूर्ण गढ़ बना रहा। इस किले ने इतिहास में बहुत से उतार-चढाव देखे हैं। यह किला भारत के इतिहास का गौरव रहा है। इस किले को 21जून 2013 में युनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था।
चित्तौड़गढ़ का किला: Chittorgarh fort history in hindi
सन् 738 में राजा बप्पा रावल ने मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोरी को हराकर इस किले पर अपना अधिकार जमाया उसके बाद यह किला गुहिलवंशियों के हाथों में गया फिर वहां से मालवा के राज्य में शामिल हुआ। उसके बाद सोलंकियों के साथ कई राजाओं ने अपने शाशन के दौरान इस किलो को अपने राज्य में शामिल रखा।
उसके बाद कई और राजाओं ने इसपर शाशन
किया और इतिहास की सबसे प्रसिद्ध लड़ाई सन् 1303 में रावल
रत्नसिंह और अलाउद्ददीन खिलजी के बीच हुई जिसमे रावल रत्नसिंह की हार के बाद यह
किला अलाउद्ददीन खिलजी के हाथ में आया और खिल्जीओ के भारत छोड़ने के बाद इसका पूरा
नियंत्रण कान्हादेव के भाई मालदेव के हाथ में आ गया। आज के समय में यह किला भारत में
स्थित तमाम विश्वधरोहरों में से एक है।
chittorgarh fort |
इतिहास में अनेकों साम्राज्य बने और बिगड़े जिनमे
कुछ क्रूर थे तो कुछ जनता के प्रिय साम्राज्य भी थे कुछ छोटे तो कुछ विशाल साम्राज्य
भी थे लेकिन इतिहास गवाह है की बड़े-बड़े साम्राज्यों
का भी पतन जरूर हुआ है दुनिया पर एकक्षत्र राज् करने वाले महान सम्राटों के महान साम्राज्य
की विरासतें आज खंडहर बन चुकी हैं।
समय से बलवान कोई शासक नही इसलिए आज की दुनिया
मे भी जो लोग अपनी दौलत या सत्ता के नशे में खुद को बहुत ताक़तवर और बलशाली समझने की
भूल कर बैठे है उन्हें इतिहास के उन बड़े सम्राटों के इतिहास को कभी भूलना नही चाहिए
जिनके बड़े साम्राज्य की ईंटे भी आज बाकी नहीं बची।
चित्तौड़गढ़ का किला: chittorgarh fort history in hindi
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